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July-September, 2022

01 Cover page, Preface and Index

Research is a systematic, logical original contribution in knowledge. Inside the last 20 to 25 years, courses in methods for social investigation have come to have a certainly critical work in humanistic instructive plans…

1. Research Contribution of New Development Bank in India during COVID-19 Media, Perspective

Ram Sunder Kumar  Dr. Renu Singh

The present research paper aims to study the contribution of New Development Bank in promoting the development of Indian economy during the phase of COVID- 19 pandemic. The New Development Bank was established in the year 2014 by BRICS (Brazil, Russia, India…

2. Social media & risk communication during Covid-19 pandemic

Vaishali Raj  Dr Gopa Bagchi

It is a massive challenge to communicate for all threats, especially significant public health emergencies. The most important factor is to quickly reach and cover as many individuals as possible. Risk and crisis communication are critical…

3. A study on the prevalence of NOMOBHOBIA among mobile phone users among adults amidst Corona pandemic

Imon Shyam  Dr Gopal Singh

The outbreak of severe acute respiratory syndrome coronavirus 2 (SARS-CoV-2), the virus which caused coronavirus disease (COVID-19, also known as 2019-nCov), was first reported in Wuhan, China in December 2019, and was identified as a novel coronavirus…

4. Paradigm Shift in The Health Reporting After Impact of Covid-19 in India

Sakshi Verma  Dr. Paramveer Singh

Health communication involves all effective communications, which can highlight health issues and promote concern related to them. Through Health communication people can make choices about their health. However…

5. Social media in higher education: A study to explore Student perspective and experiences

(Dr.) Bandana Pandey,  Shalini,  Guarav Kumar

The growth of social media in the last decade has transformed the way people live.  In this digital era, social media leads a significant role in every sphere of life. People around the world generally used social media as a tool of communication…

6. राष्ट्र के विकास में मीडिया की भूमिका

     डॉ. अनुपम कुमार राय  प्रो. (डॉ.) अनिल कुमार राय

आधुनिक युग में मीडिया राज्य के शिल्प का एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है। यह ‘चौथी संपत्ति’ है जो राज्य को अपने हितों, उद्देश्यों और लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में मदद करती है। किसी भी लोकतांत्रिक देश में जनमत को प्रतिबिंबित करने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मीडिया ने हमेशा जनता की आवाज…

7. राजनीति में महिलाओं का बढ़ता वर्चस्व व महिला अधिकारों के प्रति सजगता

ध्वनी सिंह

वर्तमान समय में विश्व के अधिकांश देशों में प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली विद्यमान है। यह प्रजातंत्रीय शासन प्रणाली महिला एवं पुरूष दोनों को समान अवसर प्रदान करती है। प्रजातंत्र की भावना के अनुरूप पूरे विश्व में महिलाओं के विकास तथा कल्याण के लिए आवश्यक समानता, स्वतंत्रता एवं निर्णयकारी संस्थाओं…

8. भारत-रूस संबंध में चीन : एक विवेचन

डॉ. सरिता सिंह

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आबादी वाला देश है। इसकी ऐतिहासिक परंपरा की जड़े हजारों वर्ष पुरानी है। निकटवर्ती संलग्न पड़ोसी राज्य भारतीय क्षेत्र के अंतर्गत ही अपनी अलग पहचान बनाए रखने का प्रयत्न कर सकते हैं। नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका संप्रभु राष्ट्र है…

9. दीनदयाल उपाध्याय: एक समग्र चिन्तन

डॉ. यशवन्त यादव

भारत की पुनर्रचना में दीनदयाल उपाध्याय की चिन्तन की महती भूमिका साबित हो सकती है। नए भारत के निर्माण में यह चिन्तन मार्ग दर्शक की भूमिका में हो सकता है। उनका विचार था कि भारत से ममत्व रखने वाले प्रत्येक भारतीय को राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करना चाहिए। पंडित दीनदयाल का मानना…

10. भारतीय ज्ञान परम्परा और शोध

विदुषी आमेटा  दयानिधि पाठक

प्राचीन काल से भारत उच्च मानवीय मूल्यों एवं विशिष्ट ज्ञान व परम्पराओं का देश है।  यह आध्यात्म और ज्ञान की भूमि है। पाश्चात्य सभ्यता के भौतिकवाद के विपरीत भारतीय सभ्यता भावना और अपनत्व पर आधारित है।  आज पश्चिमी सभ्यता भारतीय ज्ञान विज्ञान का अनुसरण कर भारतीय शास्त्रों-वेद…

11. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उर्दू पत्रकरिता का अवदान

 मोहम्मद जीशान

एक ऐसे समय में जब भारत गुलामी के जंजीरों में जकड़ा हुआ आजादी के लिये संघर्ष कर रहा था उस समय भाषाई पत्रकारिता ने कमाल का साहस दिखाते हुए भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया। इस दौरान कई भाषाई समाचार पत्र और पत्रिकाएँ ब्रिटिश दमनकारी नीतियों के कट्टर…

12. अभिव्यक्ति के लोकतंत्रिकारण में सोशल मीडिया की भूमिका

डॉ. संतोष मिश्रा

वर्तमान दौर सूचनाओं के आदान-प्रदान का दौर है। सूचनाएं विविध माध्यमों के जरिए प्रचारित-प्रसारित हो रही हैं। सूचनाओं को परंपरागत मीडिया के माध्यमों एवं न्यू मीडिया के माध्यमों दोनों के ही सहयोग से एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र, एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश, एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र, एक भाषा…

13. किन्नर जीवन’ विशेष सन्दर्भ ‘मैं पायल…’

प्रिया सिंह         डॉ. शार्दूल विक्रम सिंह

किन्नरों को अलग जगहों पर, अलग समाजों और भाषाओं में विविध नामों से सम्बोधित किया जाता है, जैसे- थर्ड जेंडर, हिजड़ा, तृतीय लिंगी, उभयलिंगी, यूनक, खोजवा, छक्का, शिखंडी आदि। महाभारत और रामायण के साथ-साथ प्राचीन ग्रन्थों और पौराणिक कथाओं में इसके प्रमाण प्राप्त होते हैं। किन्नरों का सबसे बड़ा दुर्भाग्य…

14. आर्थिक विकास : लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण

डॉ. ज्योति कुमारी

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार आर्थिक विकास एक बड़ी चिंता बनी। यह युग यूरोपीन उपनिवेशवाद का समाप्ति का युग था। उपनिवेशवाद के अंतिम दौर में ही विश्व के देशों को विकसित और अविकसित देश की संज्ञा दी गई। इस युग को देशों के बीच अर्थव्यवस्थाओं की तुलना का युग बताया गया…

Ram Shankar
DR. RAMSHANKAR (M.PHIL., ICSSR-DRF, NET, PH.D.,) CHIEF EDITOR-THE ASIAN THINKER JOURNAL (ONLINE)