पंचायत राजनीति की बदलती चुनावी संस्कृति और महिलाएं
डॉ. मनोज कुमार गुप्ता
पंचायत स्तरीय राजनीतिक इकाई में महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका निभाने की कानूनी हिस्सेदारी 90 के दशक की बड़ी उपलब्धि रही है। 73वें संविधान संशोधन ने ग्रामीण भारत के सुदूर हिस्सों तक महिलाओं के राजनीतिक सबलीकरण के संदेश को न सिर्फ प्रचारित-प्रसारित करने का काम किया बल्कि कोटा पद्धति के जरिए महिलाओं को त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के प्रत्येक पायदान पर नेतृत्वकारी भूमिका निभाने का अवसर प्रदान दिया है। जिसने नेतृत्व एवं निर्णय वाले कार्य क्षेत्रों में कथित पुरुष एकाधिकार वाली रूढ़िवादी सामाजिक अवधारणा को चुनौती दी है। इस शोध पत्र में उत्तर प्रदेश के संदर्भ में पंचायत स्तरीय चुनावी संस्कृति में महिलाओं की बदलती भूमिकाओं और ग्रामीण राजनीतिक परिवेश में उनकी सार्वजनिक गतिशीलता का अध्ययन किया गया है।
कोविड-19 महामारी में फेक न्यूज का भ्रमजाल और न्यूज़ चैनलों की भूमिका
अमित शर्मा
कोरोना संकट का ये काल पूरे विश्व के लिए अभूतपूर्व है। कोरोना वायरस से पैदा होने वाली महामारी कोविड-19 से पूरे विश्व में एक भय का वातावरण बना हुआ है। चीन से हुई शुरु हुई इस बीमारी ने अरब देशों, यूरोप के देशों और अमेरिका में जबरदस्त तबाही मचायी हई है। मरने वालों की संख्या में रोज नया इजाफा हो रहा है। भारत भी इससे जूझ रहा है। लेकिन सरकार के सही समय पर उठाए गए कदमों की वजह से हम इस बीमारी से मुकाबला करने में अब तक सक्षम रहे हैं। लॉक़डाउन लगाने का फैसला बहुत सही साबित हुआ और पूरे देश से इसे समर्थन मिला। लेकिन जब लोग घरों में बंद हुए तो संचार का संकट भी पैदा हुआ। ऐसे में न्यूज चैनलों की भूमिका काफी बढ़ गयी। न्यूज चैनलों के दर्शक भी बढ़े। कोरोना से जुड़ी खबरों को जानने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी बढ़ा। मगर इसने फेक न्यूज का भ्रमजाल भी जमकर फैलाया। ऐसे में न्यूज चैनलों ने अपनी भूमिका को समझा और दर्शकों को फेक न्यूज के भ्रमजाल से निकालने में काफी बड़ी भूमिका निभायी।
नव भारत टाइम्स समाचार पत्र में नागरिक पत्रकारिता के अंतर्गत प्रकाशित विषयवस्तु का विश्लेषण
प्रतिभा
इस शोध कार्य में शोधकर्ता ने एनबीटी अखबार के जुलाई माह के अखबारों में प्रकाशित होने वाले पृष्ठ “मेरा कॉलोनी: दिल्ली: मेरा शहर” को अपने शोध कार्य के लिए चयनित किया है । इस अखबार के पृष्ठ को शोध कार्य के लिए शोधकर्ता द्वारा विभिन्न हिस्सों में बांट दिया गया है वह हिस्से निम्न हैं- जवाब हम लेंगे, आपकी आवाज (आप की खबर से बदलेगा शहर), सुरक्षा कवच, सामान्य तथा अन्य समाचारों का अध्ययन शामिल है। इस शोधकार्य में शोधकर्ता एनबीटी अखबार में नागरिक पत्रकारिता के प्रकार और प्रकृति जाने की कोशिश किया गया है, दिल्ली के किन स्थनो से अधिक खबरों\ शिकायतों का अखबार में प्रकाशन होता है और किन विभागों से वो संबधित होते है ।
Impact of Television serials on society
Khushboo Singh
The aim of the study was to find out the effects of the effects of TV Serials in relation to the cultural distortion in our society. The data was collected from various locality of JANAKPURI SOUTH through structured questionnaire and various charts according to the research. The total of 70 respondents was involved in the study, and the selection of the sampling was through simple random sampling based on the gender differences. The data was finally analysed by both qualitative and quantitative using frequencies and percentage. The study revealed that, poor control of parents on television to children and society are unaware on effects of television to youth or society were the main findings observed in this study.
Working Women and Media: An Analysis
Aditi singh
In this research we are talking about how women are oppressed by patriarchy, how they are not being treated equally? Why the world is not safe for women? Why even after so many developments, women still face less capable in comparison to men. As we celebrate International Women’s day, it is very important to know and evaluate whether the status and role has changed over the years, to understand the progress that we have done, the obstacle which come in the way of gender equality.While carrying out my research, I looked at number of research and observe what women go through and got to know that society does and doesn’t value for each gender.
न्यू मीडिया में स्मार्ट फोन की भूमिका
पूर्ति सिंह
न्यू मीडिया विकास के दौर में स्मार्टफोन के प्रयोग से तेजी से बदलाव आ रहा है साथ ही साथ हर एक सेक्टर जैसे- बैंकिंग सेक्टर हो या परिवहन, भुगतान की प्रक्रिया हो या पत्र-व्यवहार या रोजमर्रा से जुड़ी कितनी चीजें स्मार्टफोन के द्वारा स्मार्ट रूप यानी ऑनलाइन हो चुकी हैं। सोशल नेटवर्किंग समेत अनेक चीजों को इसने नये सिरे से गढ़ने में महती भूमिका निभायी है स्मार्टफोन और इंटरनेट नेटवर्क के व्यापक विस्तार के बाद डिजिटल कम्यूनिकेशन में एक नई क्रान्ति आई है स्मार्टफोन ने इंटरनेट के इस्तेमाल के तरीके को बिलकुल बदल दिया। युवा पीढ़ी के बढ़ते क्रेज की वजह से उपभोक्ता सशक्तिकरण में बढ़ोत्तरी होती नजर आ रही है।
फिल्मों का विद्यार्थियों पर प्रभाव : हिंसा और अपराध की फिल्मों के संदर्भ में
अभय शुक्ल
मनुष्य जिस इकाई में रहता है उसे वह अपना समाज कहता है । जिसके प्रति वह बहुत सचेत और जिम्मेदार रहता है। किसी भी समाज की शक्ति उसमें रह रहे व्यक्तियों पर निर्भर करती है और किसी भी समाज में रह रहे व्यक्तियों में सबसे अधिक ऊर्जावान व्यक्तियों का समूह युवाओं का समूह होता है। युवा वर्ग समाज का वह वर्ग है जो शिक्षा और रोजगार दोनों में अपनी उर्जा और परिश्रम के बदौलत अपना स्थान बनाता है। इस शोध कार्य के अंतर्गत हम शिक्षा कर रहे युवाओं पर सिनेमा का प्रभाव : हिंसा और अपराध के संदर्भ में देखने का प्रयास कर रहे हैं।
Sustainability and E-waste Management Scenario in India
Reeta
E-waste recycling is a concept barely in existent in India. As a result, the electronic waste generated is often dumped in rivers or dump yards without proper recycling or treatment. This is hazardous on various levels; for both the environment and personal health. The main sources of electronic waste in India are the government, public and private (industrial) sectors, which account for almost 70 per cent of total waste generation. The contribution of individual households is relatively small at about 15 per cent; the rest being contributed by manufacturers. This study is focus on sustainability and E-waste Management Scenario in India.
Impact of smart phones on Youth
Ashawari Komal
Smart phones are very important and wonderful communicative tools used by all age group people especially Young generation. Without smart phones, one feels incomplete and it has become the need of hour. The adoption of the mobile phone by young people has been a global phenomenon in recent years. It is now an integral part of youth in daily lives and is for the majority, the most popular form of electronic communication. In fact, the mobile phone has turned from a technological tool to a social tool. This paper explores the impact of the mobile phone on youth relationships, on family relationships and on the institution of the school. Young people use the mobile phone in positive ways to organize and maintain their social networks. However, there are also negative impacts on young peoples’ relationships. These can include cyber bullying. This research study is conducted in New Ashok Nagar, New Delhi.
पुस्तक समीक्षा – अंधेरे में रौशन कविताएं
डॉ. वेद प्रकाश भारद्वाज
वियतनाम के राष्ट्रपिता हो चि मिन्ह की जेल के दौरान लिखी गई 120 कविताओं के अनुवाद को पढ़ते हुए यह साफ महसूस किया जा सकता है कि संघर्ष के उन दिनों में, जब चीन सरकार ने फ्रांसीसी व जापानी जासूस होने के संदेह में उन्हें जेल में बंद कर दिया तब वह समय हो के लिए आशाओं व निराशाओं के उमड़ते-घुमड़ते बादलों वाले…